नवराज न्यूज़
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 72वें स्वतंत्रता दिवस पर पांचवीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराया। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से तीन घोषणाएं कीं। पहली- 2022 में आजादी के ७५ साल पूरे होने से पहले भारत अंतरिक्ष में मानव मिशन के साथ गगनयान भेजेगा और वह ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। दूसरी- सशस्त्र बलों में महिलाओं को पुरुषों के समान स्थायी कमीशन दिया जाएगा। तीसरी- १० करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपए तक का मुफ्त हेल्थ कवर देने के लिए २५ सितंबर से आयुष्मान भारत योजना शुरू होगी।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में मोदी भगवा रंग के साफे में आए। ४० मिनट तक उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। जीएसटी से लेकर रसोई गैस, गांवों में बिजली, शौचालय और बेनामी संपत्ति जैसे मुद्दों पर कांग्रेस का नाम लिए बिना तंज कसा। मोदी ने कहा- २०१३ तक योजनाओं की जो रफ्तार थी, वह २०१४ के बाद भी कायम रहती तो कई योजनाओं को पूरा करने में दशकों लग जाते।
२०२२ से पहले गगनयान मानव मिशन : प्रधानमंत्री ने कहा, च्च्आज लाल किले की प्राचीर से मैं देशवासियों को एक खुशखबरी सुनाना चाहता हूं। हमारा देश अंतरिक्ष की दुनिया में प्रगति करता रहा है। हमने सपना देखा है कि २०२२ में आजादी के ७५ साल पूरे होने के मौके पर या उससे पहले भारत की कोई संतान, चाहे बेटा हो या बेटी, वह अंतरिक्ष में जाएगा। हाथ में तिरंगा लेकर जाएगा। आजादी के ७५ साल पूरे होने से पहले इस सपने को पूरा करना है। भारत के वैज्ञानिकों ने मंगलयान से लेकर अब तक ताकत का परिचय कराया है। जब हम मानव सहित गगनयान लेकर जाएंगे और यह गगनयान जब अंतरिक्ष में जाएगा आैर कोई हिंदुस्तानी इसे लेकर जाएगा, तब अंतरिक्ष में मानव को पहुंचाने वाले हम विश्व के चौथे देश बन जाएंगे।ज्ज्
३४ साल पहले राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे : राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री रहे हैं। वे २ अप्रैल १९८४ को अंतरिक्ष में गए थे, लेकिन उनकी यह यात्रा सोवियत रॉकेट सोयूज टी-११ के जरिए हुई थी। दुनिया में अब तक रूस, अमेरिका और चीन ने अपने अंतरिक्ष यानों के बूते स्पेस में मानव मिशन भेजे हैं। रूस ने १९६१, अमेरिका ने १९६८ और चीन ने २००३ में मानव मिशन भेजा था।
आयुष्मान भारत योजना २५ सितंबर से : नरेंद्र मोदी ने कहा, च्”आयुष्मान भारत योजना में पहले १० करोड़ गरीब परिवारों को शामिल किया जाएगा। इसके बाद उच्च मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग को भी लाभ मिलेगा। पांच लाख रुपए सालाना इलाज के खर्च की सुविधा हम देने वाले हैं। किसी भी व्यक्ति को यह सुविधा पाने में दिक्कत ना हो, इसलिए टेक्नोलॉजी की भूमिका महत्वपूर्ण है। टेस्टिंग शुरू हो रही है। योजना को फुलप्रूफ बनाने की कोशिश हो रही है। २५ सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान शुरू कर दिया जाएगा।ज्ज्
५० करोड़ लोगों को कवर होंगे : इस योजना के तहत १० करोड़ गरीब परिवारों के जरिए कुल ५० करोड़ लोगों को कवर करने का लक्ष्य है। योजना में गरीब, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कमजोर परिवार शामिल हो सकेंगे। परिवार के सदस्यों की संख्या और उनकी उम्र पर कोई रोक नहीं है। उन्हें आर्थिक आधार पर चुना जाएगा। सरकारी और चुने हुए निजी अस्पताल में इलाज की सुविधा मिलेगी। योजना पूरी तरह से कैशलेस होगी।
सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- च्च्मैं आज इस मंच से मेरी कुछ बहादुर बेटियों को खुशखबरी देना चाहता हूं। भारत की सशस्त्र सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए नियुक्त महिला अधिकारियों को पुरुष समकक्ष अधिकारियों की तरह पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा स्थायी कमीशन देने की घोषणा करता हूं।ज्ज्
अभी सिर्फ चुनिंदा विभागों में परमानेंट कमीशन : वर्तमान में सेना में महिलाएं सिर्फ जज एडवोकेट जनरल और आर्मी एजुकेशन कोर में ही परमानेंट कमीशन की हकदार हैं। अधिकतर महिलाएं सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए आती हैं और उनके पास अधिकतम १४ साल का कार्यकाल होता है।
२०१३ की रफ्तार से दशकों लग जाते : मोदी ने अपने भाषण में कहा, च्च्२०१३ में हमारा देश जिस रफ्तार से चल रहा था, हम उसे आधार मानें और पिछले चार साल के काम का लेखा-जोखा लें तो आपको अचरज होगा कि देश की रफ्तार कैसे आगे बढ़ रही है। २०१३ की रफ्तार से चलते तो शौचालय बनाने में दशकों लग जाते। २०१३ के आधार पर गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए एक-दो दशक और लग जाते। २०१३ की रफ्तार से एलपीजी गैस कनेक्शन और गरीब मां को धुआं मुक्त चूल्हा देने में सौ साल भी कम पड़ जाते। गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने में पीढ़ियां निकल जातीं।ज्ज्
तीन तलाक और कश्मीर : मोदी ने कहा, च्च्मुस्लिम महिलाओं से मैं अाज लाल किले से कहना चाहता हूं कि तीन तलाक से उन्हें मुक्ति दिलानी है। इस संसद सत्र में भी हमने तीन तलाक बिल का मुद्दा उठाया है। अभी भी कुछ लोग हैं जो इसे पारित नहीं होने देना चाहते। मैं मुस्लिम महिलाओं को भरोसा दिलाता हूं कि आपको न्याय दिलाने के लिए मैं कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। कश्मीर में हम गोली और गाली के रास्ते पर नहीं, कश्मीर के लोगों को गले लगाकर आगे बढ़ना चाहते हैं। वाजपेयीजी ने कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत का जिक्र किया था। हम इसी पर आगे बढ़ रहे हैं। खुशी है कि कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर के लोगों को पंचायत चुनने और स्थानीय नगर निकाय चुनने का हक मिलेगा।